Monday, 22 January 2018

बजट 2018 : ये है टीम जेटली के 5 खास लोग, रखते हैं पाई पाई का हि‍साब


हवला सेरेमनी के साथ बजट की छपाई शुरू हो गई है। बजट 2018 मौजूदा मोदी सरकार का अखि‍री फुल बजट होगा क्‍योंकि‍ 2019 में चुनाव है। बजट के हर पहलू पर गौर करने और उसे एक जगह समेटने की जि‍म्‍मेदारी पहले के मुकाबले नई टीम पर है मगर बजट टीम की अगुवाई मंझे हुए वि‍त्‍त सचि‍व हंसमुख अढ़ि‍या कर रहे हैं।
बजट तैयार की प्रक्रि‍या बहुत उलझाऊ होती है, जि‍समें पाई पाई का हि‍साब रखा जाता है। यह काम एक मजबूत टीम के बि‍ना संभव नहीं हो सकता। आज हम आपकी मुलाकात करा रहे हैं वि‍त्‍त मंत्री अरुण जेटली की बजट टीम से। ये वो 5 लोग हैं, जो पर्दे के पीछे से बेहद महत्‍वपूर्ण भूमि‍का अदा कर रहे हैं।  

1 हसमुख अढ़ि‍या, वि‍त्‍त सचिव 
अढ़ि‍या फाइनेंस मिनि‍स्‍ट्री के सबसे अनुभवी शख्‍स हैं। वह कई बजट देख चुके हैं मगर इस बार वह बजट टीम को लीड कर  रहे हैं। देश के सबसे बड़े कर सुधार यानी जीएसटी के पीछे इनकी बड़ी भूमिका रही है। ब्‍लैकमनी के खि‍लाफ चलाए गए अभि‍यानों भी इन्‍होंने बड़ा रोल नि‍भाया। अढ़ि‍या 1981 के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर हैं। 

2 अरविंद सुब्रमनि‍यन, मुख्‍य आर्थि‍क सलाहकार 
अरविंद अभी एक साल के एक्‍सटेंशन पर हैं। उनके इकोनॉमि‍क सर्वे में आमतौर पर ऐसे मुद्दे होते हैं जो बहस व बातचीत का हि‍स्‍सा बनते हैं। पिछले सर्वे में उन्‍होंने गरीबी मि‍टाने के लि‍ए बेसि‍क इनंकम का कॉन्‍सेप्‍ट सामने रखा था। हो सकता है इसे बजट में कोई जगह मि‍ल पाए। अब बजट से पहले जारी होने वाला इकोनॉमिक सर्वे उनका आखि‍री होगा और संभव है कि इसमें आर्थि‍क सुधार के लि‍ए बड़ी योजनाएं हों। 

3 सुभाषचंद्रा गर्ग, सेक्रेटरी, डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमि‍क अफेयर्स 
इकोनॉमि‍क अफेयर्स सेक्रेटरी के तौर पर पद संभालने से  पहले गर्ग वर्ल्‍ड बैंक में डायरेक्‍टर थे। उनकी पोस्‍टिंग वाशिंगटन में थी। गर्ग का फोकस वि‍कास को दोबारा पटरी पर लाना, नि‍जी नि‍वेश को बूस्‍ट दि‍लाना और सरकारी नौकरि‍यां पैदा करने पर है। उन्‍हें आर्थि‍क हालात देखते हुए इन पर फैसले लेने होते हैं। 

4 अजय नाराण झा, सेक्रेटरी, डि‍पार्टमेंट ऑफ एक्‍सपेंडि‍चर 
1982 बैच के मणि‍पुर काडर के आईएएस अफसर अजय  नारायण झा का काम खर्चे पर लगाम लगाना है। उन्‍हें ना कहने का हुनर आता है क्‍योंकि‍ वह पहले भी इस डि‍पार्टमेंट में काम कर चुके हैं और वि‍त्‍त आयोग के सचि‍व भी रह चुके हैं। इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि‍ यह इस सरकार का आखि‍री फुल बजट होगा इसलि‍ए सरकार हर कि‍सी को कुछ न कुछ देगी, मगर झा की नजर हर खर्च पर होगी। 

5 नीरज कुमार गुप्‍ता, सेक्रेटरी, डि‍पार्टमेंट ऑफ इनवेस्‍टमेंट एंड पब्‍लि‍क एसेट मैनेजमेंट 
1981 बैच के आईएएस अफसर की रणनीति‍क की बदौलत पहली बार सरकार वि‍निवेश के टारगेट से ज्‍यादा हासि‍ल कर पाई। उन्‍होंने अगले साल के लि‍ए भी इस तरह की रणनीति‍ तैयार कर ली है। सरकार पैसा जुटाने के लि‍ए और कई लक्ष्‍य तय कर सकती है। सरकार सेंट्रल पब्‍लि‍क सेक्‍टर इंटरप्राइजेस में ज्‍यादातर हि‍स्‍सेदारी अपने पास रखना चाहती है ऐसे में गुप्‍ता के ऊपर पैसे जुटाने के लि‍ए नए रास्‍तों की खोज करने की जि‍म्‍मेदारी रहती है।


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